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स्कूलों में श्रीमद्भागवत गीता पढ़ेंगे बच्चे, शिक्षकों को सौंपी गई जिम्मेदारी

देहरादून

राजकीय विद्यालयों में अब प्रतिदिन प्रार्थना सभाओं में श्रीमद्भगवतगीता के श्लोक गूंजेंगे…इन श्लोक के वैज्ञानिक दृष्टिकोण के बारे में विद्यार्थियों को बताया जाएगा…हर सप्ताह नैतिक और मूल्य आधारित शिक्षा से संबंधित श्लोक ‘सप्ताह का श्लोक’ घोषित होगा… विद्यालय के सूचना पट पर अर्थ सहित उसे लिखा जाएगा… शिक्षकों को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है.

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के श्रीमद्भगवतगीता और रामायण को स्कूली शिक्षा के साथ पाठ्यक्रम में शामिल करने के निर्देशों को विभाग ने क्रियान्वित किया… राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में भारतीय ज्ञान परंपरा को विद्यालयी शिक्षा का अंग बनाने के दिशा-निर्देशों के अनुरूप पाठ्यक्रम में श्रीमद्भागवत और रामायण को शामिल किया गया है.


इसी क्रम में सोमवार को माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने समस्त जिलों के मुख्य शिक्षा अधिकारियों को श्रीमद्भगवतगीता के श्लोकों का अभ्यास कराने के निर्देश दिए हैं… उन्होंने कहा कि शिक्षकों को समय-समय पर श्लोकों की व्याख्या करनी होगी… छात्र-छात्राओं को बताया जाएगा कि श्रीमद्भगवतगीता के सिद्धांत किस प्रकार मानवीय मूल्य, व्यवहार, नेतृत्व कौशल, निर्णय क्षमता, भावनात्मक संतुलन और विज्ञानी सोच विकसित करते हैं.

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