तोता घाटी पर दिखे खतरे के निशान , रॉक वॉल ट्रीटमेंट करने वाली टीम ने बताई सच्चाई

टिहरी
उत्तराखंड में विश्व प्रसिद्ध चारों धाम को कनेक्ट करने के लिए केंद्र सरकार की मदद से ऑल वेदर रोड़ बनाया जा रहा है…जिसके लिए कई जगहों पर पहाड़ में हैवी ब्लास्टिंग की गई..और अब उसी ब्लास्टिंग की वजह से पहाड़ों में दरारें पड़ रही है…लोग कह रहे हैं अगर जल्द ध्यान नहीं दिया गया तो आने वाले वक्त में भारी नुकसान संभव है..

उत्तराखंड में गढ़वाल की लाइफ लाइन कहे जाने वाले तोता घाटी में दरारें पड़ गई है जिससे लोग चिंतित हैं…केदारनाथ और बदरीनाथ धाम सहित आधे गढ़वाल मंडल को जोड़ने वाला ऋषिकेश-बदरीनाथ नेशनल हाईवे एक बड़े संकट की ओर बढ़ रहा है..ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग, के तोता घाटी का लगभग 250 मीटर ऊंचाई वाले पहाड़ के ऊपरी हिस्से में 2 से 3 फीट चौड़ी दरारें पड़ गई हैं जो निरंतर गहरी होती चली जा रही हैं..

स्थानीय लोगों का आरोप है कि ऑल वेदर रोड चौड़ीकरण से पूरा पहाड़ को तोड़ने में हैवी ब्लास्टिंग से पूरा पहाड़ बुरी तरह हिल चुका है,.. पहाड़ पर दरारों के पड़ने का पता तब चला है जब कुछ दिनों पहले रॉक वॉल का ट्रीटमेंट करने वाली टीम पहाड़ी के ऊपरी हिस्से टॉप पर पहुंची और उन्होंने दरारें देखी…बताया जा रहा है कि वैज्ञानिकों ने भी पहाड़ के दरकने का खतरा बताया है..इस पहाड़ की दरकने से ऋषिकेश- बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग के लंबे समय तक बाधित रहने और बहुत बड़ी जनहानि की भी आशंका जताई जा रही है..
लोगों का कहना है कि अगर समय रहते इसका सही ट्रीटमेंट ना किया गया तो पूरा पहाड़ का हिस्सा गिर सकता है,…तोता घाटी वही मार्ग है जो सामरिक दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण है और जिस पर गढ़वाल की धार्मिक, पर्यटक और दैनिक आवाजाही निर्भर करती है..तोता घाटी, NH-07 पर ऋषिकेश से श्रीनगर के बीच लगभग 75-80 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है…यह इलाका अपनी लाइमस्टोन के लिए जाना जाता है। जो हिमालय की सबसे कमजोर भू-संरचनाओं में से एक मानी जाती है.