सीएम धामी ने किया जमरानी बांध परियोजना का हवाई सर्वेक्षण, कुमाऊं के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही ये परियोजना

नैनीताल नैनीताल
उपराष्ट्रपति धनखड़ उत्तराखंड प्रवास के बाद दिल्ली रवाना हुए….. जिसके बाद मुख्यमंत्री धामी ने निर्माणाधीन जमरानी बांध परियोजना का हवाई सर्वेक्षण किया….राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (से. नि.) गुरमीत सिंह भी मौजूद रहे…..जमरानी बांध कुमाऊं क्षेत्र की जलापूर्ति और सिंचाई व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण परियोजना मानी जा रही है….

जमरानी बांध परियोजना के अहम तथ्य
पीएमकेएसवाई-एआईबीपी के तहत परियोजना के शेष कार्यों के घटकों के लिए अनुपात 90 (केंद्र): 10 (राज्य) में केंद्रीय सहायता दी जाएगी।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मार्च, 2028 तक ₹2,584.10 करोड़ की अनुमानित लागत वाली परियोजना को पूरा करने के लिए उत्तराखंड को ₹1,557.18 करोड़ की केंद्रीय सहायता को मंजूरी दी है।
इस परियोजना में उत्तराखंड के नैनीताल जिले में राम गंगा नदी की सहायक गोला नदी पर जमरानी गांव के पास एक बांध के निर्माण की योजना है।
यह बांध मौजूदा गोला बैराज को अपनी 40.5 किमी लंबी नहर प्रणाली और 1981 में पूरी हुई 244 किमी लंबी नहर प्रणाली के माध्यम से पानी देगा।
इस परियोजना में उत्तराखंड के नैनीताल और उधम सिंह नगर जिलों एवं उत्तर प्रदेश के रामपुर और बरेली जिलों में 57,065 हेक्टेयर (उत्तराखंड में 9,458 हेक्टेयर और उत्तर प्रदेश में 47,607 हेक्टेयर) की अतिरिक्त सिंचाई की योजना है।
दो नई फीडर नहरों के निर्माण के अलावा, 207 किमी के मौजूदा नहरों का नवीनीकरण किया जाना है और परियोजना के तहत 278 किमी पक्के फील्ड चैनल भी क्रियान्वित किए जाने हैं।
14 मेगावाट बिजली संयंत्र की स्थापित क्षमता के साथ लगभग 63.4 मिलियन यूनिट जल विद्युत उत्पादन होगा।
हल्द्वानी और आसपास के क्षेत्रों में 42.70 मिलियन क्यूबिक मीटर (एमसीएम) पीने के पानी के प्रावधान की भी परिकल्पना की गई है, जिससे 10.65 लाख से अधिक आबादी लाभान्वित होगी।
परियोजना के सिंचाई लाभों का एक बड़ा हिस्सा पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश को भी होगा और दोनों राज्यों के बीच लागत/लाभ का साझाकरण वर्ष,2017 में हस्ताक्षरित एक समझौता ज्ञापन के अनुसार किया जाना है।
हालांकि, पीने का पानी और बिजली का लाभ पूरी तरह से उत्तराखंड के लिए ही हैं।