हिमालय दिवस पर सीएम धामी की अपील , कहा- हिमालय बचेगा तभी दुनिया बचेगी

देहरादून
हर साल 9 सितंबर को उत्तराखंड में आधिकारिक तौर पर हिमालय दिवस या हिमालय दिवस के रूप में मनाया जाता है…इस दिन वक्ता अपनी-अपनी बात रखते हैं और हिमालय संरक्षण की बात करते हैं लेकिन इसके बाद के दिनों हिमालय सरंक्षण पर काम किया जाता है यह सवाल आज भी है.

देहरादून में हिमालय दिवस पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया… जिसमें प्रदेश के मुखिया पुष्कर सिंह धामी भी शामिल हुए और उन्होंने हिमालय संरक्षण को लेकर सरकार की तरफ से किए जा रहे प्रयासों पर जोर दिया..सीएम धामी ने कहा कि हिमालय मात्र बर्फीली चोटियों और पर्वतमालाओं का समूह नहीं है…यह भारत उपमहाद्वीप का जीवनस्रोत भी है… इसकी नदियां पूरे देश की जीवनधारा हैं.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस बार जोर दिया है कि देवभूमि उत्तराखंड का 70 प्रतिशत भू भाग नदियों, ग्लेशियरों और वनों से आच्छादित है…यहां के कण-कण में देवताओं का वास है जो सही भी है…यही वजह भी है कि देश दुनिया से हजारों लाखों की संख्या में हर साल तीर्थ यात्री और पर्यटक उत्तराखंड की वादियों में पहुंचते हैं और कुछ समय यहां बिताते हैं.

शक नहीं है कि हिमालय दिवस पर कार्यक्रमों में जो बातें कही जाती है वह कही से भी गलत होती है लेकिन सवाल यह भी है इस पर काम करने की जरूरत है…हम सभी जानते हैं कि हिमालय के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है.