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आपदा के बीच जगी है आत्था की लौ…पंजाब में भयंकर बाढ़ और उत्तराखंड में टूटते पहाड़ के बीच दर्शन के लिए हेमकुंड पहुंच रहे श्रद्धालु

चमोली

हेमकुंड साहिब में दर्शन के लिए पंजाब राज्य के कई प्रांतों में आई बाढ़ की आपदा के बावजूद बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं ….. इस यात्रा सीजन में अब तक करीब 2 लाख 55 हजार श्रद्धालुओं ने पवित्र श्री हेमकुंड साहिब धाम में पहुंच कर अमृत सरोवर में आस्था की पवित्र डुबकी लगा कर श्री दरबार साहिब में मत्था टेका है.

पंजाब में आई भयानक बाढ़ की विभीषिका और प्रकृति की कठोर चुनौतियों के बीच भी सिख श्रद्धालुओं की अटूट आस्था और विश्वास की मिसाल देखने को मिल रही है… श्री हेमकुंट साहिब, जो हिमालय की ऊंची चोटियों पर स्थित एक पवित्र तीर्थस्थल है, इन दिनों बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों से गुलजार है… ये श्रद्धालु अपनी जान जोखिम में डालकर, कठिन रास्तों और प्रतिकूल मौसम को पार करते हुए, परमात्मा के दर्शन के लिए यहां पहुंच रहे हैं… यह दृश्य न केवल आस्था की ताकत को दर्शाता है, बल्कि सिख धर्म की मूल भावना ‘चढ़दी कला’ को भी जीवंत रूप प्रदान करता है… जहां हर विपत्ति में भी उत्साह और सकारात्मकता बनी रहती है.

इस साल पंजाब में आई विनाशकारी बाढ़ ने लाखों लोगों की जिंदगियां प्रभावित की हैं.. घर-बार उजड़ गए, सड़कें बह गईं, और जीवन की मूलभूत सुविधाएं छिन गईं… फिर भी, इन कठिनाइयों के बीच श्रद्धालु अपनी यात्रा को रोकने के बजाय, और अधिक दृढ़ संकल्प के साथ श्री हेमकुंट साहिब की ओर कूच कर रहे हैं… पिछले कुछ दिनों में हजारों की संख्या में तीर्थयात्री यहां पहुंचे हैं, जो दर्शाता है कि आस्था की लौ किसी भी तूफान से नहीं बुझ सकती.

श्री हेमकुंट साहिब के यह पवित्र द्वार 10 अक्टूबर को बंद होने वाले हैं …. सर्दियों के आगमन के साथ ही हिमालयी क्षेत्र में भारी बर्फबारी शुरू हो जाती है… जिसके कारण तीर्थयात्रा असंभव हो जाती है… ऐसे में, श्रद्धालुओं का यह उत्साह और भी प्रशंसनीय है.

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