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केदारनाथ आपदा में मारे गए 735 शवों के DNA सैंपल लिए, आज तक सिर्फ 33 DNA ही मैच हो सके

देहरादून/ केदारनाथ

साल 2013 की केदारनाथ आपदा के 12 साल बाद भी सैकड़ों DNA सैंपल किसी नाम, किसी रिश्ते और किसी परिवार की पहचान का इंतज़ार कर रहे हैं…

केदारनाथ की इन वादियों में हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं… लेकिन 2013 में जो आए थे, उनमें से कई कभी लौट नहीं पाए… उनकी यादें, उनके निशान और उनका DNA… आज भी पहचान का इंतज़ार कर रहे हैं… 2013 की तबाही के बाद, सरकार ने केदारनाथ और आसपास के इलाकों से 735 शवों के DNA सैंपल लिए… उन्हें हैदराबाद की फॉरेंसिक लैब भेजा गया…वहीं दूसरी ओर, देशभर से उन परिवारों का डीएनए सेम्पल लिया गया जिनके अपने त्रासदी में गुमशुदा हुये थे… जो लगभग 700 से अधिक परिजनों के DNA सैंपल जमा कराए… ताकि अपनों की पहचान हो सके…लेकिन विज्ञान और भावनाओं की इस लंबी कड़ी में आज तक सिर्फ 33 DNA सैंपल ही मैच हो सके… 700 से ज़्यादा DNA आज भी अनजान हैं, गुमनाम हैं, इंतजार में हैं…

भले ही शवों के डीएनए सैंपल मैच नहीं हुए हो,लेकिन उत्तराखंड पुलिस ने आपदा के दौरान मरने वाले के परिवार को डेथ सेटिफिक्ट दे चुकी है।वही डायरेक्टर फोरेंसिक उत्तराखंड का कहना है कि ज़रूरी नहीं है कि सभी मृतक के परिजन सैंपल भेजकर मैच कराना चाहते हो कई बार उनके लिए महत्वपूर्ण नहीं होता है,बाकी लीगल प्रक्रिया के लिए डेथ सेटिफिक्ट दिया जा चुका है।

केदारनाथ दोबारा बन गया, यात्री दोबारा आ रहे हैं लेकिन जिन घरों में DNA की रिपोर्ट आई, वहां ज़िंदगी अब भी उसी मोड़ पर अटकी हुई है… ये सिर्फ आंकड़े नहीं… 700 अधूरी कहानियां हैं और वो इंतज़ार आज भी बाकी है…

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