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लोहाघाट के जीआईसी रोसाल स्कूल पर खतरा ! … अधिकारियों का नहीं है ध्यान

चंपावत

उत्तराखंड के पहाड़ों में लगातार हो रही बारिश की वजह से काफी नुकसान हो रहा है…कहीं राष्ट्रीय राजमार्ग पर बड़ा भूस्खलन हो रहा है तो सुरक्षा दीवार ध्वस्त हो रहा है..लेकिन हैरानी की बात है कि महीनों बीत जाने के बाद भी सुरक्षा दीवार को बनाया नहीं गया है लिहाजा चंपावत के सीमांत जीआईसी रोसाल में बच्चे खतरे के साए में पढ़ने को मजबूर है..

चंपावत जिले के अधिकारी अपने कार्यों के प्रति कितने जागरूक है इसका जीता जागता उदाहरण लोहाघाट ब्लॉक के सीमांत जीआईसी रोसाल में देखा जा सकता है…जहां एक साल पहले आई आपदा से विद्यालय भवन की सुरक्षा दीवारें और विद्यालय भवन के पीछे बनी लोक निर्माण विभाग की दीवार ढह गई थी…विद्यालय के पीटीए अध्यक्ष मोहन चंद्र पांडे ने विभागीय कार्य प्रणाली पर नाराजगी जताते हुए कहा एक वर्ष बीत जाने के बाद भी संबंधित विभागों ने सुरक्षा दीवार का निर्माण कार्य नहीं कराया है..

विद्यालय के पीटीए अध्यक्ष मोहन चंद्र पांडे कहते हैं कि विद्यालय भवन पूरी तरह खतरे की जद में है…मानसून काल में छात्रों के साथ कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है…विभागीय अधिकारियों से कई बार सुरक्षा दीवार निर्माण के लिए कहा गया पर कोई कार्रवाई नहीं की गई..पांडे ने कहा विभागीय अधिकारियों का कहना है अभी तक एस्टीमेट तैयार नहीं किया गया है…स्थिति तो यह है कि दीवार के गिरे हुए पत्थर तक नहीं उठाए गए हैं..पांडे ने संबंधित अधिकारियों पर लापरवाही के गंभीर आरोप लगाए है…

पीटीए अध्यक्ष मोहन चंद्र पांडे ने जिलाधिकारी चंपावत से बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए सुरक्षा दीवार निर्माण की मांग की है..उन्होंने कहा कि क्षेत्र आपदा की दृष्टि से बेहद संवेदनशील है..अगर विद्यालय कोई दुर्घटना छात्रों के साथ होती है तो उसकी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी…हालांकि अब जिले के नए जिलाधिकारी मनीष कुमार के मामले पर संज्ञान लिया है..उन्होंने संबंधित अधिकारियों को समस्या के समाधान के निर्देश दिए हैं..

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