‘फूलों की घाटी’ का कर लो दीदार, आज खुल गई भ्यूंडार वैली के द्वार…पहले दिन इतने पर्यटक पहुंचे….

चमोली की उच्च हिमालई भ्यूंडार वैली में स्थित विश्व प्राकृतिक धरोहर स्थल फूलों की घाटी पर्यटकों के लिए खोल दी गई है… ईको विकास समिति भ्यूंडार के अध्यक्ष प्रवेंद्र सिंह चौहान और समाजसेवी संजय सिंह चौहान ने संयुक्त रूप से रिबन काटकर उद्घाटन किया…. इस दौरान घाटी के खुलने से प्रकृति प्रेमियों और पर्यटकों में खासा उत्साह नजर आया…. बता दें कि ये घाटी अपनी दुर्लभ जैव विविधता और करीब 500 प्रकार की अल्पाइन पुष्पों की प्रजातियों और जड़ी बूटियों के लिए प्रसिद्ध है…

हर साल हजारों की संख्या में पहुंचते देशी विदेशी पर्यटक घाटी का दीदार करने पहुंचते है….. वहीं वन क्षेत्र अधिकारी वैली ऑफ फ्लावर्स नेशनल पार्क चेतना काण्डपाल ने हरी झंडी दिखाकर पर्यटकों के पहले दल को वैली ऑफ फ्लावर्स रवाना किया…. आज पहले दल में 45 ऑफलाईन और 4 ऑनलाइन बुकिंग वाले प्रकृति प्रेमी पर्यटकों समेत कुल 49 पर्यटकों ने घाटी में एंट्री की …..
कब से कब तक आएं
फूलों की घाटी जून के पहले हफ्ते से लेकर अक्टूबर के पहले हफ्ते तक खुली रहती है… यह घाटी हर साल बर्फ से ढकी रहती है और केवल गर्मियों में ही पर्यटकों के लिए खोली जाती है. सामान्यतः, फूलों की घाटी 1 जून को खुलती है और फिर 30 अक्टूबर को बंद हो जाती है…

विश्व धरोहर में नाम शामिल
उत्तराखंड के चमोली जिले में फूलों की घाटी को उसकी प्राकृतिक खूबसूरती और जैविक विविधता के कारण 2005 में यूनेस्को ने विश्व धरोहर घोषित किया.. 87.5 वर्ग किमी में फैली फूलों की ये घाटी न सिर्फ भारत बल्कि दुनिया के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है..फूलों की घाटी में दुनियाभर में पाए जाने वाले फूलों की 500 से अधिक प्रजातियां मौजूद हैं.. हर साल देश विदेश से बड़ी संख्या में पर्यटक यहां पहुंचते हैं.. यह घाटी आज भी शोधकर्ताओं के आकर्षण का केंद्र है..