
दिल्ली
जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफ़ा दे दिया है….सोमवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को भेजे अपने इस्तीफ़े में उन्होंने कहा है कि अब वो अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता देंगे…धनखड़ ने राष्ट्रपति को लिखे अपने पत्र में कहा है, ”मैं संविधान के अनुच्छेद 67 (ए) के मुताबिक़, तत्काल प्रभाव से भारत के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफ़ा देता हूँ.’

74 वर्षीय धनखड़ ने अगस्त 2022 में उपराष्ट्रपति का पदभार संभाला था…. ऐसे में उनका कार्यकाल 2027 तक था…भारत में उपराष्ट्रपति का पद राष्ट्रपति के पद के बाद सर्वोच्च संवैधानिक पद होता है….संविधान के मुताबिक़ उपराष्ट्रपति का चुनाव संविधान के अनुच्छेद 63 से 71 और उपराष्ट्रपति (चुनाव) नियमावली 1974 के तहत होता है….अब जबकि उपराष्ट्रपति का पद ख़ाली है, तो चुनाव आयोग को नए उप राष्ट्रपति के चुनाव की व्यवस्था करनी होगी.
संविधान में कहा गया है कि उपराष्ट्रपति के पद को जल्द से जल्द भरना होगा…. यानी इस पद पर चुनाव के लिए जितनी जल्दी हो व्यवस्था करनी होगी…..संविधान के अनुच्छेद 68 के खंड 2 के मुताबिक़, उपराष्ट्रपति के निधन, त्यागपत्र या पद से हटाए जाने या अन्य किसी कारण से ख़ाली होने वाली जगह को भरने के लिए जल्द से जल्द चुनाव कराने का प्रावधान है…सामान्य परिस्थितियों में अगले उपराष्ट्रपति का चुनाव निवर्तमान उपराष्ट्रपति के कार्यकाल की समाप्ति के 60 दिनों के भीतर करना होता है….उपराष्ट्रपति का कार्यकाल ख़त्म होने से पहले ही ये चुनावी प्रक्रिया पूरी कर ली जाती है….लेकिन ये पद अगर उपराष्ट्रपति की मृत्यु, इस्तीफ़े या पद से हटाए जाने या दूसरे कारण से ख़ाली होता है, तो इसे भरने के लिए जल्द से जल्द चुनाव कराने की व्यवस्था की जाती है.
कैसे होता है उपराष्ट्रपति का चुनाव?
संविधान के अनुच्छेद 66 के मुताबिक़ संसद के दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) के सदस्यों से मिलकर बना निर्वाचक मंडल यानी इलेक्टोरल कॉलेज उपराष्ट्रपति चुनता है….अनुपातिक प्रतिनिधित्व के मुताबिक़ चुनाव सिंगल ट्रांसफ़रेबल वोट के ज़रिए होता है. ये वोटिंग गुप्त मतदान यानी सीक्रेट बैलेट के ज़रिए होती है…