कोरोना काल में हुआ था उद्घाटन.. तब से अब तक आईसीयू वॉर्ड में लटका है ताला

उत्तराखंड के सरकारी अस्पतालों में कर्मियों की भारी कमी है…बात पहाड़ों की नहीं है मैदानी इलाकों में भी स्टॉफ की कमी है.. जिसकी वजह से संसाधन होते हुए भी मरीजों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है..रूड़की के सबसे बड़े अस्पताल में चार साल से आईसीयू वार्ड में ताला लटका हुआ है..

हरिद्वार में रूड़की के सबसे बड़े सिविल अस्पताल में पिछले 4 साल से आईसीयू वार्ड में ताला लटका हउआ है… बिना स्टॉफ के आईसीयू वार्ड बंद पड़ा हुआ है..आईसीयू वार्ड को संचालित करने के लिए अस्पताल के सीएमएस कई बार स्वास्थ्य निदेशालय को पत्र भेज चुके है लेकिन आज तक आईसीयू वार्ड को चलाने के लिए स्टाफ तक नहीं मिल पाया… वही मामले में सीएमएस डॉ संजय कंसल ने बताया कि 11 बेड का आईसीयू वार्ड को चलाने के लिए ट्रेंड स्टाफ मांगा गया था लेकिन आज तक स्टाफ की उपलब्धता नहीं हो पाई
उन्होंने बताया कि इस बारे में स्वास्थ्य मंत्री धनसिंह रावत सहित डीजी हेल्थ को भी अवगत करा चुके है और आश्वासन मिला है कि जल्द ही आईसीयू वार्ड को स्टाफ मिल जायेगा…कोरोना महामारी के दौरान सिविल अस्पताल मे आईसीयू वार्ड की भारी कमी महसूस हुई थी..उसी दौरान अस्पताल में आईसीयू वार्ड बनाने की कवायद शुरू कर दी गई थी… और 2021 में 11बेड का आईसीयू वार्ड बनकर उद्घाटन भी हो गया था लेकिन कई साल बीतने के बाद भी आईसीयू वार्ड पर लगा तला नहीं खुला है

आईसीयू में ताला लटका होने से रखे वेंटिलेटर धूल फांक रहे है और आईसीयू वार्ड होने के बावजूद गंभीर मरीजों को रेफर करना पड़ रहा है…वहीं अब कोरोना ने फिर से प्रदेश में पैर पसारने शुरू कर दिए हैं तो ऐसे में अगर कोरोना केस बढ़े तो आईसीयू वार्ड की जरूरत पड़ेगी..बहरहाल देखना होगा कि सरकार कब तक रुड़की सिविल अस्पताल के आईसीयू वार्ड में लटके ताले को खोल पाएगी क्यों कोरोना ने प्रदेश में फिर से पैर पसारने शुरू कर दिए हैं